सूर्यग्रहण 2023:14 अक्टूबर को साल का आखिरी सूर्यग्रहण लगेगा। यह एक खगोलीय घटना है जो हर साल कई बार होती है यह आंशिक सूर्यग्रहण होगा, जिसे रिंग ऑफ फायर ग्रहण कहा जाता है।सूर्यग्रहण 2023 यह ग्रहण पश्चिमी संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा और प्रशांत महासागर में दिखाई देगा। भारत में यह ग्रहण नहीं दिखाई देगा, इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा।
सूर्यग्रहण 2023 कब लगेगा?
14 अक्टूबर, 2023 को सुबह 8:34 बजे से शुरू होकर मध्य रात्रि 2:25 बजे तक चलेगा।
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सूतक काल कब लगेगा?
ग्रहण के 12 घंटे पहले से सूतक काल शुरू हो जाता है। इस दौरान कुछ विशेष चीजों का ध्यान रखना चाहिए।
सूतक काल में क्या करें और क्या न करें? (सूर्यग्रहण 2023)
- सूतक काल में भोजन न करें, न ही पानी पियें।
- इस दौरान धातु के बर्तनों का इस्तेमाल न करें।
- इस दौरान कोई शुभ कार्य न करें।
- इस दौरान यात्रा न करें।
- इस दौरान पूजा-पाठ न करें।
- इस दौरान बाल न कटवाएं।
- इस दौरान दांत न साफ करें।
- इस दौरान नाखून न काटें।
सूतक काल के बाद क्या करें?
सूतक काल के बाद निम्नलिखित चीजों का ध्यान रखें:
- सूर्योदय के बाद स्नान करें।
- कपड़े धोएं।
- धातु के बर्तनों को साफ करें।
- शुभ कार्य शुरू कर सकते हैं।
सूर्यग्रहण देखने के लिए क्या करें?
सूर्यग्रहण को नंगी आंखों से देखने से आंखों को नुकसान हो सकता है। इसलिए ग्रहण देखने के लिए विशेष चश्मे या सनग्लासेस का इस्तेमाल करें।
सूर्यग्रहण का वैज्ञानिक महत्व
सूर्यग्रहण एक खगोलीय घटना है, जिसमें चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है और सूर्य की रोशनी को आंशिक या पूरी तरह से अवरुद्ध कर देता है। सूर्यग्रहण का अध्ययन खगोल विज्ञानियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इससे उन्हें सूर्य के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त होती है।
सूतक काल में कौन से कार्य करने चाहिए
सूतक काल में निम्नलिखित काम करने चाहिए:
- भगवान का ध्यान करना चाहिए।
- धर्मग्रंथों का अध्ययन करना चाहिए।
- दान-पुण्य करना चाहिए।
- आत्मचिंतन करना चाहिए।
- परिवार के साथ समय बिताना चाहिए।
- मन को शांत रखना चाहिए।
सूतक काल में इन कामों को करने से व्यक्ति को आध्यात्मिक लाभ मिलता है और वह नकारात्मक ऊर्जा से दूर रहता है।
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