Aditya- L1 :पृथ्वी की परिक्रमा के 17 दिनों के बाद, भारत का सौर अवलोकन आदित्य-एल(Aditya-L1) 1 पृथ्वी से 1.5 मिलियन किलोमीटर दूर अपने गंतव्य की ओर बढ़ रहा है। इसे मंगलवार शाम को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा लॉन्च किया गया था।” अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए पर्याप्त ऊर्जा के साथ, जो इसे सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंज प्वाइंट 1 की ओर अंदर की ओर यात्रा करने की अनुमति देगा।
Aditya-L1 लगभग 110 दिनों की उड़ान के बाद अंतरिक्ष यान L1 बिंदु कक्षा में प्रवेश करेगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने देर रात आदित्य-एल1 मिशन के बारे में ताजा जानकारी जारी देते हुये बताया कि ट्रांस-लैग्रेंजियन प्वाइंट 1 इंसर्शन (टीएल1आई) पूरा हो चुका है। अंतरिक्ष यान अब सूर्य-पृथ्वी बिंदु L1 की राह पर है।
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Aditya- L1 मिशन क्या है?
आदित्य L1(Aditya-L1) मिशन, जिसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा प्रायोगिक रूप से क्रियान्वित किया जा रहा है, यह एक महत्वपूर्ण अंतरिक्ष मिशन है जिसका मुख्य उद्देश्य सूर्य का अध्ययन करना है। इस मिशन का नाम “आदित्य L1” है, जो सूर्य से लगभग 1.5 मिलियन किलोमीटर की दूरी पर स्थित लग्रंथिक बिंदु “L1 पॉइंट” पर पहुंचने का लक्ष्य रखता है।
इस मिशन का मुख्य उद्देश्य सूर्य की तापमान व क्रोमोस्फेरिक और कोरोनल के टेम्परेचर का अध्ययन करना है, जिससे हम सूर्य की बेहद महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकें। इसके साथ ही, इस मिशन का उद्देश्य सौरमंडल के कुछ महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं को समझना और अंतरिक्ष मौसम की पूर्वानुमान में मदद करना भी है।
आदित्य L1(Aditya-L1) मिशन के तहत, ISRO ने उपग्रह को X-बैंड फ़्रीक्वेंसी का पहला इस्तेमाल किया है, जिससे अधिक जानकारी प्राप्त करने की क्षमता मिलती है। इस मिशन से हम सूर्य के रहस्यमयी दुनिया के बारे में नई जानकारी प्राप्त करेंगे और अंतरिक्ष अनुसंधान क्षेत्र को आगे बढ़ावा देंगे
Aditya-L1 Mission:
The fourth Earth-bound maneuvre (EBN#4) is performed successfully.ISRO's ground stations at Mauritius, Bengaluru, SDSC-SHAR and Port Blair tracked the satellite during this operation, while a transportable terminal currently stationed in the Fiji islands for… pic.twitter.com/cPfsF5GIk5
— ISRO (@isro) September 14, 2023
आदित्य l1 को सूर्य तक पहुंचने में कितना समय लगेगा?
आदित्य L1 को सूर्य तक पहुंचने में लगेगे चार महीने। इस यात्रा के दौरान, यह करीब 15 लाख किमी की दूरी तय करेगा और इसे सूर्य के लाग्रांजियन पॉइंट 1 पर पहुंचाने के लिए कुल में चार महीने का समय लगेगा। यह यात्रा इसरो के अदित्य-एल1 मिशन का हिस्सा है और इसका मुख्य उद्देश्य सूर्य की तापमान व क्रोमोस्फेरिक और कोरोनल के टेम्परेचर का अध्ययन करना है। इस मिशन के द्वारा, हम सूर्य के अध्ययन में नई जानकारी प्राप्त करेंगे और उसके रहस्यों को सुलझाएंगे।
भारत का पहला अंतरिक्ष मिशन कौन सा था?
भारत का पहला अंतरिक्ष मिशन “आर्यभट्ट” था, जो 19 अप्रैल 1975 को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा लॉन्च किया गया था। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य था कि भारत अंतरिक्ष में एक उपग्रह को सफलतापूर्वक लॉन्च कर सके। आर्यभट्ट का उद्देश्य अंतरिक्ष में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान करना था।
आर्यभट्ट का लॉन्च भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम था, और इससे भारत ने अंतरिक्ष में अपना पैमाना बढ़ाया। यह मिशन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ और आर्यभट्ट ने अंतरिक्ष में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत को एक महत्वपूर्ण योगदान किया।
इसके बाद, भारत ने कई अंतरिक्ष मिशन्स को सफलतापूर्वक लॉन्च किया है, जिनमें चंद्रयान-1, मंगलयान, चंद्रयान-2 और गगनयान ,आदित्य l1 शामिल हैं।
FAQs (पूछे जाने वाले सवाल)
1. Aditya-L1 क्या है?
Aditya-L1 भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी, इसरो का एक अंतरिक्ष मिशन है जिसका मुख्य उद्देश्य सूर्य की धारा का अध्ययन करना है।
2. Aditya-L1 मिशन का क्या महत्व है?
Aditya-L1 मिशन से हमें सूर्य के तारों के बारे में नई जानकारी मिलेगी और यह सूर्य की किरणों के प्रभाव को समझने में मदद करेगा।
3. Aditya-L1 मिशन की यात्रा कैसे हो रही है?
Aditya-L1 मिशन की यात्रा धीरे-धीरे धारती के कक्ष से सूर्य की ओर बढ़ रही है, जिसके लिए ग्रहण और नियंत्रण का महत्वपूर्ण भूमिका है।
4. Aditya-L1 मिशन से कौन-कौन सी जानकारी मिलेगी?
Aditya-L1 मिशन से हमें सूर्य की किरणों, धारा के तारों, और मौसम की पूर्वानुमान के बारे में नई जानकारी मिलेगी।
5. Aditya-L1 मिशन की यात्रा कब समाप्त होगी?
Aditya-L1 मिशन की यात्रा की अंदाजित समापन तिथि 2024 में है, जब यह सूर्य के पास पहुँचेगा और अपने उपकरणों का उपयोग करके जानकारी जमा करेगा।